बांग्लादेश के अंदर अल्पसंख्यकों की स्थिति हर बीतते दिन के साथ और खराब होती जा रही है. पिछले हफ्ते बांग्लादेश के कुमिल्ला जिले में एक हिंदू महिला के साथ क्रूर बलात्कार की घटना पर रविवार को पूरे बांग्लादेश में आक्रोश फैल गया. वजह यह भी थी कि महिला के साथ न सिर्फ बलात्कार किया गया बल्कि यौन हमले का एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया गया. बांग्लादेश की राजधानी में, ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और अपराधियों के खिलाफ “सीधी कार्रवाई” की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए.
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यह घटना 26 जून को हुई थी, जब 21 वर्षीय सर्वाइवर के साथ कुमिल्ला स्थित उसके पैतृक घर में एक स्थानीय राजनेता ने बलात्कार किया था. लेकिन मामला तब सामने आया जब महिला को नग्न कर बेरहमी से पीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां वह अपने हमलावरों से गुहार लगाती नजर आ रही थी. पुलिस ने बताया कि घटना के मुख्य संदिग्ध को कई अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है.
कुमिल्ला जिले के पुलिस प्रमुख नजीर अहमद खान ने कहा कि मुख्य आरोपी को ढाका के सईदाबाद इलाके में तड़के छापेमारी करके गिरफ्तार कर लिया गया तथा चार अन्य को सोशल मीडिया पर महिला की तस्वीर व पहचान उजागर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
पुलिस के अनुसार, सर्वाइवर का पति दुबई में काम करता था. महिला स्थानीय त्योहार, हरि सेवा के लिए अपने बच्चों के साथ कुलिम्मा के मुरादनगर उप-जिले में अपने मायके आई थी. 16 जुलाई को, रामचन्द्रपुर पचकित्ता गांव के निवासी अली ने कथित तौर पर रात लगभग 10 बजे घर में घुसकर उसका रेप किया. स्थानीय लोगों ने अली को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी. लेकिन वे उसे पुलिस को सौंपने के बजाय हॉस्पिटल ले गए. कथित तौर पर संदिग्ध हॉस्पिटल से भाग गया. कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस कार्रवाई हुई.
बांग्लादेश में विरोध-प्रदर्शन जारी
ढाका यूनिवर्सिटी के छात्रों ने घटना की निंदा करते हुए कैंपस में मार्च निकाला, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए समर्पित जगन्नाथ हॉल छात्रावास में रहने वाले छात्रों ने न्याय की मांग करते हुए जुलूस निकाला. पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने दोषियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की.
इस बीच, हाई कोर्ट ने एक निर्देश जारी कर अधिकारियों से शनिवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो को तुरंत हटाने को कहा. दो जजों की पीठ ने संबंधित अधिकारियों से सर्वाइवर की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसे आवश्यक उपचार प्रदान करने को भी कहा.
पिछले साल अगस्त में हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार को हटाये जाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुई थीं. पिछले साल पांच अगस्त को हसीना को प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ कर दिये जाने के बाद वह भारत भाग गई थीं. यह घटना ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ नामक मंच के नेतृत्व में हुए हिंसक आंदोलन के परिणामस्वरूप हुई थी. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस(85) ने इसके तीन दिन बाद अंतरिम सरकार की कमान संभाली थी.