गरियाबंद जिले में ईंट ले जा रहा एक ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया। हादसे में ड्राइवर गंभीर रूप से घायल हो गया। बताया जा रहा है कि ये ईंट प्रधानमंत्री आवास योजना निर्माण कार्यों के लिए ले जाई जा रही थीं। स्थानीय लोगों के अनुसार,अमलीपदर के पास कोकड़ी माल की नदी किनारे 10 से 12 लाख ईंट पहले ही तैयार की जा चुकी हैं, जिसके लिए पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई कर उन्हें जलाया गया।
ईंट भट्टों से वन विनाश
चौंकाने वाली बात ये है कि जिन ईंट पर प्रतिबंध है, वही ईंटें सरकारी योजनाओं में उपयोग हो रही हैं। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी तंत्र की विफलता भी उजागर हो रही है।
अब सवाल उठता है कि जब प्रधानमंत्री खुद पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर हैं, तो फिर स्थानीय स्तर पर ऐसी अवैध गतिविधियां क्यों फल-फूल रही हैं? ज़रूरत है सख्त कार्रवाई की, ताकि न कानून टूटे, न जंगल।