छुरा। ग्राम पाटसिवनी के आदर्श गौठान में पेसा अधिनियम प्रशिक्षण अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद ब्लाक इकाई छुरा द्वारा समस्त ग्रामीणों को दिया गया जिसमें , हेमलाल ध्रुव ग्राम नर्तोरा ने बताया कि pesa act हमारी वो संवैधानिक ताक़त है जो हमारी ग्राम सभा को मिला है, जैसे “हमर गांव, हमर राज” इससे यह स्पष्ट है की खुद के गांव में ग्राम सभा का निर्णय सर्वमान्य होगा “न लोकसभा सभा न विधानसभा, सबसे बड़ा ग्राम सभा” ग्राम सभा के महत्व को निम्न बिंदुओ से बारीकी से बताया-प्रत्येक गांव में एक ग्राम सभा की आवश्यकता होती है, जो आबादी के रीति-रिवाजों और प्रथाओं की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए प्रभारी होती है और ऐसे सदस्यों से बनी होती है जिनके नाम स्थानीय पंचायत की चुनावी सूची में होते हैं। सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए योजनाओं, कार्यक्रमों और पहलों को ग्राम स्तर पर लागू करने से पहले, उन्हें ग्राम सभा की स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। गरीबी से निपटने के कार्यक्रमों के लाभार्थियों की भी पहचान की जानी चाहिए। अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों को शासित करने वाले राज्य कानून का मसौदा तैयार करते समय प्रथागत कानून, सामाजिक और धार्मिक मूल्यों और पारंपरिक सामुदायिक संसाधन प्रबंधन प्रथाओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
एक राज्य विधानमंडल को यह गारंटी देने की आवश्यकता है कि ग्राम सभा और पंचायतों के प्रासंगिक स्तर को विशेष रूप से निम्नलिखित शक्तियां और अधिकार प्रदान किए जाते हैं ताकि उन्हें स्वशासन की संस्थाओं के रूप में संचालित करने के लिए सशक्त बनाया जा सके। पर आज के परिवेश में हमारे आदिवासी भाई कई पीढ़ी से वनांचल में रहते हुऐ भी अपनी भूमि की पट्टा के लिए भटक रहे है, वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 लागू तो है पर इस योजना का लाभ कैसे ले कोई बताने वाला भी नहीं मिलता, ऐसे में हमारे आदिवासि भाईयो के लिए अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद आगे आकर सामुदायिक वन अधिकार और वैक्तिगत वन अधिकार दावा कर समाज में उनका हक अधिकार दिलाए है, इसी तरह जल जंगल जमीन का मालिकाना हक कैसे लिया जाता है इस विषय को विस्तार से बताया गया इसी। विषय पर पैसा अधिनियम में सामुदायिक दावा पर प्रकाश डालते हुए वन अधिकार समिति को अध्यक्ष चमेध्वर ध्रुव ने कहा, कई वर्षो हम यहाँ निवासरत है पर हमारे पास कोई कागज का टुकड़ा भी नहीं है, पर इस कानून से हमें वो मालिकाना हक मिला है जिससे हम स्वयं ग्राम सभा से गांव की हर विकास कार्य कर सकते हैं, बस जरूरत है तो pesa act को समझने की, रूढ़ी प्रथा ही हमारी कानून है, परंपरागत मान्यताओं के आधार से चली आ रही प्रथा को आज भी संजो के रखे हुए है जिसके संरक्षण और संचालन के लिए हमको आगे आने की जरूरत है, हमारे क्रान्तिकारी बिरसा मुंडा ने कहा है मावा नाटे मावा राज (हमर गांव म हमर राज) आज इस कानून में हमको खरा उतरना है, ताकि हम अपने इस गांव का सर्वांगीण विकास कर सके, इसी के साथ सबने बड़ी ही जोश खरोश के साथ उत्साहित हो कर सामुदायिक दावा लगाने का निर्णय लिया इस बीच
प्रशिक्षण में तामेश्वरी ध्रुव सरपंच यशोदा ध्रुव ग्राम सभा अध्यक्ष अमरसिंह जाट ग्राम पटेल चमेश्वर ध्रुव अध्यक्ष वन अधिकार समिति रूपनारायण मंडाले सचिव वन अधिकार समिति आदिवासी परिषद से H,N, धुर्वा सर पूर्व तहसीलदार दाऊ लाल ठाकुर सर, टिकेश्वर ध्रुव, एवं ग्रामीण प्रमुख रामदयाल, आनंद, छन्नू प्रसाद, कोमल भूपेंद छल्ले लाल, योगेश, गोविंद एवं समस्त ग्राम वासी उपस्थित रहें।