कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि बात चाहे खेती-किसानी की हो, आदिवासियों के विकास की हो, महिलाओं के सशक्तिकरण की हो, हर नागरिक की आय में बढ़ोतरी की हो, रोजगार की हो, रोजगार के अवसरों के निर्माण की हो, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की हो, शहरी क्षेत्रों में सुविधाओं के विस्तार की हो, शिक्षा सुविधाओं के विस्तार की हो, चिकित्सा सुविधा के विस्तार की हो आज छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में बड़ा बदलाव दिख रहा है। हमारी योजनाओं का लाभ आम जनता को मिल रहा है।
राजस्व कार्यों के लिए छुरा क्षेत्र के ग्रामीणों को नही जाना पड़ेगा गरियाबंद
छुरा अनुविभाग बन जाने से क्षेत्र के लोगों को राजस्व संबंधित कार्यों के लिए लगभग 26 किलोमीटर की दूरी तय कर एसडीएम कार्यालय गरियाबंद नही जाना पड़ेगा। जाति, निवास, प्रमाण पत्र, फौती, बंटवारा, नामांकन, सीमांकन आदि राजस्व प्रकरणों के निराकरण की सुविधा छुरा एसडीएम कार्यालय में मिल जायेगी। इससे नए अनुविभाग के अंतर्गत चार आरआई सर्कल छुरा, खडमा, पांडुका एवं रसेला के अंतर्गत 36 पटवारी हल्के के 169 गांव के 1 लाख 16 हजार से अधिक ग्रामीण लाभान्वित होंगे।
नवगठित तहसील फिंगेश्वर से 63 हजार से अधिक आबादी होगी लाभान्वित
नवगठित तहसील फिंगेश्वर में 2 आरआई सर्कल जामगांव और फिंगेश्वर अंतर्गत 18 पटवारी हल्का शामिल है। इसमें 35 ग्राम पंचायतों अंतर्गत 56 गांव के 63 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। पहले क्षेत्र के लोगों को राजस्व कार्यों के निराकरण के लिए राजिम तहसील कार्यालय जाना पड़ता था। अब नए तहसील बनने से दूर नही जाना पड़ेगा, फिंगेश्वर में ही तहसील संबंधित कार्य संपादित हो सकेंगे। फिंगेश्वर तहसील अंतर्गत ग्राम पसौद, पाली, पेंड्रा, भसेरा, रोबा, सोनासिल्ली, पोलकर्रा, सिर्रीकला, लचकेरा, कोसमखुटा, जामगांव, पथर्री, भेण्डरी, सरगोड़, खैरझिटी, गुण्डरदेही, बम्हनदेही, बनगंवा, तरजूंगा, रजकट्टी, बोरिद, सरकड़ा, बिरोड़ा, फिंगेश्वर, गदहीडीह, खुडसा, परसदाकला, पतोरा, चौतरा, रवेली, परसट्टी, सेंदर, बारूला, चरभट्ठी, देवगांव, करेंता, गनियारी, घोघरा, पतोरी, बेलर, चरौदा, जोगीडिपा, फुलझर, बोड़की, कुण्डेल, छुईहा, जमाही, सिर्रीखुर्द, खुडियाडीह, खुटेरी, पुरेना, बिनौरी, बिजली, मड़वाडीह, बोरसी एवं ग्राम बहेरापाल के ग्रामीण लाभान्वित होंगे।