CG – वनांचल क्षेत्र के बच्चों को बुनियादी शिक्षा से नहीं होना पड़ेगा वंचित वन, पर्यावरण एवं प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण गरियाबंद जिला जनजाति बाहुल्य इलाका एवं दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के नाम से जाना जाता है। ऐसी ही मैनपुर, देवभोग, छुरा एवं गरियाबंद ब्लॉक अंतर्गत वनांचल क्षेत्रों में स्थित मौहानाला, भीमाटीकरा, धुमरापदर एवं भरूवामुड़ा जैसे 16 गांव के स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने से वहां के बच्चे शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। साथ ही उनके पालक अपने बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए चिंतित थे। दूरस्थ इलाकों के 16 गांव के प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन थे।
बच्चों को बुनियादी शिक्षा शासन के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से जिले के 16 शिक्षक विहीन स्कूलों को मिले शिक्षक
प्रदेश में ऐसी सभी समस्याओं के निराकरण एवं बच्चों को बुनियादी शिक्षा बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया लाई गई। इसके तहत जिले के अतिशेष शिक्षकों को शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में पदस्थापना की गई। जिले में सफलतापूर्वक युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूर्ण होने से जिले के सभी 16 गांव के शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पूर्ति हो गई है। इन स्कूलों में प्राथमिक शाला अकलवारा, डोंगरीपाली कांदागढ़ी, मौहानाला, भीमाटीकरा, बोईरगांव, टीमनपुर, धमना, आश्रम शाला भौदी, कुकरार, रावनसिंघी, अमलोर, पीपलाकन्हार, माध्यमिक शाला धुमरापदर, भरूवामुड़ा, कन्या आश्रम नगबेल एवं माध्यमिक शाला ओड़ शामिल है। शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षक मिलने से अब क्षेत्र के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से वंचित नहीं होना पड़ेगा। साथ ही उन्हें अब अपने गांव में ही उचित शिक्षा मिल पाएगी। वर्षों पुरानी शिक्षकों की कमी की समस्या से निजात मिलने से ग्रामीणों ने भी खुशी जताते हुए सरकार के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर संतुष्टि जताई है। साथ ही इस पहल को प्रशंसनीय बताया है। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर बी एस उईके के मार्गदर्शन में जिले में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को शासन के निर्देशानुसार तय समय सीमा में पूर्ण की गई। साथ ही एकल एवं शिक्षक विहीन स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की गई।
गरियाबंद में अतिशेष प्रधान पाठकों और सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग पहले दिन 164
एकल शिक्षकीय स्कूलों में भी शिक्षकों की हुई पूर्ति
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि देवभोग विकासखंड मे 6 हाई स्कूल ऐसे थे जहां सिर्फ एक शिक्षक की पदस्थापना थी। एक शिक्षक के भरोसे सारी विषयों की पढ़ाई बमुश्किल हो पा रही थी। परंतु अब युक्तियुक्तकरण के माध्यम से सभी 6 हाई स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है, कोई भी स्कूल एक शिक्षक के भरोसे नहीं है। इसी प्रकार गरियाबंद जिले का मैनपुर विकासखंड वर्षों से शिक्षकों की कमी का दंश झेलता रहा है l दूरस्थ एवं वनांचल क्षेत्र होने के कारण शिक्षक वहां जाना नहीं चाहते थे, परंतु अब हालात बदल गए हैं, युक्तियुक्तकरण में ऐसे ही स्कूलों में शिक्षक पूर्ति का लक्ष्य रखा गया था। कुल्हाड़ीघाट नकबेल, गरीबा, गोबरा, सहेबीनकछार ऐसे दर्जनों गांव में अब शिक्षकों की पूर्ति संभव हो पाई है। शासन के निर्देशानुसार शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत गरियाबंद जिले में विभिन्न शिक्षक संवर्गों के अतिशेष शिक्षकों की ओपन काउंसलिंग के तहत युक्तियुक्तकरण करते हुए रिक्त स्थान वाले शालों में पदस्थापना आदेश जारी की गई। युक्तियुक्तकरण से पूर्व मैनपुर के दूरस्थ क्षेत्रों मे 6 शिक्षकविहीन एवं 69 एकल शिक्षकीय शाला थे, जिसमे शिक्षकों की पूर्ति हो गई है। इसी तरह देवभोग ब्लॉक मे 4 शिक्षक विहीन तथा 30 एकल शिक्षकीय शाला थे, तथा 6 हाई स्कूल भी एकल शिक्षककिय थे परंतु फिंगेश्वर ब्लॉक ई स्वर्ग के अतिशेष शिक्षकों से इन पदों की भरपाई हो गई, अब देवभोग ब्लॉक में कोई भी शाला शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय नहीं रहा। युक्तियुक्तकरण से दूरस्थ अंचलों के विशेष कर मैनपुर एवं देवभोग में शिक्षकों की कमी वाले शालाओं में शिक्षकों की पूर्ति हुई है।
गरियाबंद जिले में युक्तियुक्तकरण के पूर्व मैनपुर छुरा एवं गरियाबंद, तीनों आदिवासी विकास खंडो मे कुल 16 शिक्षक विहीन तथा 167 एकल शिक्षककीय शाला थे। वर्षों से इन शालाओं में शिक्षकों की मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही थी। परंतु युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षकों की काउंसलिंग के माध्यम से इन शालाओं में पूर्ति संभव हो पाई। इन विकासखंडो में अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं रह गया है।