Chhattisgarh – विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से 95 किलोमीटर गरियाबंद जिला से 03 किलोमीटर मरौदा गांव में प्रकृति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। यहां स्थित भूतेश्वर नाथ शिवलिंग को धरती से स्वयंभू प्रकट माना जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि इस विशाल शिवलिंग का आकार हर साल कुछ सेंटीमीटर बढ़ता जा रहा है।
एक चरवाहे ने देखी थी पहली झलक
कहते हैं कि कई दशक पहले गांव के एक चरवाहे ने पहली बार इस शिवलिंग को देखा था। उस वक्त यह एक छोटी सी आकृति के रूप में जमीन से बाहर निकली थी। धीरे-धीरे इसकी चर्चा पूरे गांव में फैल गई। गांववालों ने इसे शिव का चमत्कार मानकर पूजा-अर्चना शुरू की, जो आज भी जारी है।
18 से 20 फीट तक पहुंचा आकार
स्थानीय पुजारियों और ग्रामीणों के अनुसार इस शिवलिंग की वर्तमान ऊंचाई करीब 18 से 20 फीट हो चुकी है। इसकी परिधि लगभग 20-25 फीट मानी जाती है। मान्यता है कि शिवलिंग का आकार हर वर्ष बढ़ रहा है और इसका ऊपरी सिरा अभी भी स्पष्ट रूप से नजर नहीं आता, जिससे यह विश्वास और गहरा होता जा रहा है कि शिवलिंग अभी भी धरती के भीतर समाया हुआ है।
विश्व का यह सबसे बड़ा शिवलिंग
एक ऐसा शिवलिंग जिसका आकार घटता नहीं हर साल लगातार बढ़ता ही रहता है, यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से निर्मित है। हर वर्ष यहां श्रद्धालु भगवान भूतेश्वरनाथ का दर्शन करने महाशिवरात्रि और सावन सोमवारी में कई जिले और राज्यो से लंबी पैदल यात्रा करके कांवरिए यहां पहुंचेते है। यहां शिवलिंग पर जल चढ़कर अद्भुत आनंद महसूस करते हैं।
श्रद्धालु भक्त भकुर्रा के नाम पुकारते
छत्तीसगढ़ ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग को भूतेश्वरनाथ के नाम से पुकारते हैं जिसे भकुर्रा नाथ भी कहा जाता है ज्योतिर्लिंगों के भ्रांति छत्तीसगढ़ में इसे अर्धनारीश्वर शिवलिंग होने के मानता प्राप्त है। सबसे बड़ा आश्चर्य जनक तथ्य है कि यह शिवलिंग हर साल लगातार बढ़ता रहता है।
यहां श्रद्धालु सच्चे मन से आते हैं
सावन में श्रद्धालु बोल बम का नारा लगाते हुए लाखों की संख्या में कांवरिया जल चढ़ाने पैदल कई किलोमीटर की दुरी करके आते हैं, भगवान भकुर्रा महादेव उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यहां महाशिवरात्रि में भी मेला लगता है, भूतेश्वर नाथ का दर्शन करने बड़ी संख्या में हर हर महादेव का नारा लगाते भक्त पहुंचते हैं। हर साल भगवान भूतेश्वर नाथ की कृपा से भंडारा का आयोजन भी रखा जाता है।
भूतेश्वर नाथ शिवलिंग प्राकृतिक दर्शन
भव्य और विशाल काय शिवलिंग भगवान भूतेश्वरनाथ का दर्शन कर श्रद्धालु राम जानकी, नंदी महाराज , राधा कृष्ण, भुवनेश्वरी शरण महाराज, नाग नागिन, शेषनाग, का दर्शन कर यहां की वादियों का आनंद लेते हैं वहीं प्राकृतिक संपदा से संपूर्ण है ये जगह थोड़ी दूर में मरौदा डेम और घने जंगलों में बसा ये अद्भुत रहस्यमई भगवान भूतेश्वरनाथ का स्थल है।
क्यों कहते हैं भूतेश्वर नाथ?
चूंकि यह शिवलिंग भूगर्भ से प्रकट हुआ है, इसलिए इसे ‘भूतेश्वर नाथ’ कहा जाता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार यहां पूजा करने से जीवन में सुख-शांति मिलती है और अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है।
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महाशिवरात्रि और सावन पर लगता है मेला
हर वर्ष महाशिवरात्रि ,सावन महीना के पावन पर्व पर भूतेश्वर नाथ मंदिर परिसर में विशाल मेला लगता है। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु न केवल छत्तीसगढ़ से बल्कि पड़ोसी राज्यों से भी पहुंचते हैं। कावड़ यात्रा के जरिए भक्त शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाकर आशीर्वाद लेते हैं। सावन के महीने में भी यहां भक्तों की बड़ी भीड़ रहती है।
पर्यटन स्थल के रूप में विकास
राज्य सरकार इस स्थान को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर रही है। मंदिर तक पक्की सड़क बनाई गई है। बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है। जल्द ही यहां एक सूचना केंद्र बनाने की योजना है, जिससे पर्यटक यहां की रोचक जानकारी भी प्राप्त कर सकें।
आस्था का प्रतीक बना शिवलिंग
आज भूतेश्वर नाथ शिवलिंग न सिर्फ गरियाबंद जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रतीक बन चुका है। हर साल यहां आने वाले भक्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह स्थल न केवल धार्मिक बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बनता जा रहा है।
विश्व का यह सबसे बड़ा शिवलिंग
एक ऐसा शिवलिंग जिसका आकार घटता नहीं हर साल लगातार बढ़ता ही रहता है, यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से निर्मित है। हर वर्ष यहां श्रद्धालु भगवान भूतेश्वरनाथ का दर्शन करने महाशिवरात्रि और सावन सोमवारी में कई जिले और राज्यो से लंबी पैदल यात्रा करके कांवरिए यहां पहुंचेते है। यहां शिवलिंग पर जल चढ़कर अद्भुत आनंद महसूस करते हैं।
श्रद्धालु भक्त भकुर्रा के नाम पुकारते
छत्तीसगढ़ ही नहीं विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग को भूतेश्वरनाथ के नाम से पुकारते हैं जिसे भकुर्रा नाथ भी कहा जाता है ज्योतिर्लिंगों के भ्रांति छत्तीसगढ़ में इसे अर्धनारीश्वर शिवलिंग होने के मानता प्राप्त है। सबसे बड़ा आश्चर्य जनक तथ्य है कि यह शिवलिंग हर साल लगातार बढ़ता रहता है।
यहां श्रद्धालु सच्चे मन से आते हैं
सावन में श्रद्धालु बोल बम का नारा लगाते हुए लाखों की संख्या में कांवरिया जल चढ़ाने पैदल कई किलोमीटर की दुरी करके आते हैं, भगवान भकुर्रा महादेव उसकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। यहां महाशिवरात्रि में भी मेला लगता है, भूतेश्वर नाथ का दर्शन करने बड़ी संख्या में हर हर महादेव का नारा लगाते भक्त पहुंचते हैं। हर साल भगवान भूतेश्वर नाथ की कृपा से भंडारा का आयोजन भी रखा जाता है।
भूतेश्वर नाथ शिवलिंग प्राकृतिक दर्शन
भव्य और विशाल काय शिवलिंग भगवान भूतेश्वरनाथ का दर्शन कर श्रद्धालु राम जानकी, नंदी महाराज , राधा कृष्ण, भुवनेश्वरी शरण महाराज, नाग नागिन, शेषनाग, का दर्शन कर यहां की वादियों का आनंद लेते हैं वहीं प्राकृतिक संपदा से संपूर्ण है ये जगह थोड़ी दूर में मरौदा डेम और घने जंगलों में बसा ये अद्भुत रहस्यमई भगवान भूतेश्वरनाथ का स्थल है।