http://गंदे पानी में तैरते कीटाणु और मच्छर लार्वा न केवल गंदगी का संकेत
छत्तीसगढ़: शासकीय कॉलेज बलरामपुर में गंदे पानी की आपूर्ति, विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध पीने के पानी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। हाल ही में सामने आई तस्वीरों और वीडियो में कॉलेज परिसर में लगे जलकूलर और पानी की टंकी की हालत साफ तौर पर बेहद खराब दिख रही है।
टंकी के अंदर जमा कीचड़, जंग लगे पाइप, गंदे पानी में तैरते कीटाणु और मच्छर के लार्वा न केवल गंदगी का संकेत हैं, बल्कि यह छात्रों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा भी है। सबसे गंभीर बात यह है कि यह पानी “पीने योग्य शुद्ध जल” के नाम पर छात्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
पूर्व में भी शासकीय कॉलेज बलरामपुर की अव्यवस्थाओं को लेकर कई बार मुद्दा उठाया गया है, लेकिन अब गंदे पानी तक को सुधारने के कोई ठोस कदम नहीं उठा पाये हैं।
छात्रों की मांग
छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने जल स्रोतों की सफाई या मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया। गंदे पानी के लापरवाही से किटाणु का कारण जैसे डेंगू, टायफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों को न्योता दे रही है।
जनहित की अपील
यह जरूरी हो गया है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। पानी की टंकी की सफाई, फिल्टर सिस्टम की जांच और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और प्रशासन की जवाबदेही भी तय होगी।
http://गंदे पानी में तैरते कीटाणु और मच्छर लार्वा न केवल गंदगी का संकेत
छत्तीसगढ़: शासकीय कॉलेज बलरामपुर में गंदे पानी की आपूर्ति, विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध पीने के पानी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। हाल ही में सामने आई तस्वीरों और वीडियो में कॉलेज परिसर में लगे जलकूलर और पानी की टंकी की हालत साफ तौर पर बेहद खराब दिख रही है।
टंकी के अंदर जमा कीचड़, जंग लगे पाइप, गंदे पानी में तैरते कीटाणु और मच्छर के लार्वा न केवल गंदगी का संकेत हैं, बल्कि यह छात्रों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा भी है। सबसे गंभीर बात यह है कि यह पानी “पीने योग्य शुद्ध जल” के नाम पर छात्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
पूर्व में भी शासकीय कॉलेज बलरामपुर की अव्यवस्थाओं को लेकर कई बार मुद्दा उठाया गया है, लेकिन अब गंदे पानी तक को सुधारने के कोई ठोस कदम नहीं उठा पाये हैं।
छात्रों की मांग
छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने जल स्रोतों की सफाई या मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया। गंदे पानी के लापरवाही से किटाणु का कारण जैसे डेंगू, टायफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों को न्योता दे रही है।
जनहित की अपील
यह जरूरी हो गया है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। पानी की टंकी की सफाई, फिल्टर सिस्टम की जांच और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और प्रशासन की जवाब देही भी तय होगी।
http://गंदे पानी में तैरते कीटाणु और मच्छर लार्वा न केवल गंदगी का संकेत
छत्तीसगढ़: शासकीय कॉलेज बलरामपुर में गंदे पानी की आपूर्ति, विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध पीने के पानी की स्थिति बेहद चिंताजनक है। हाल ही में सामने आई तस्वीरों और वीडियो में कॉलेज परिसर में लगे जलकूलर और पानी की टंकी की हालत साफ तौर पर बेहद खराब दिख रही है।
टंकी के अंदर जमा कीचड़, जंग लगे पाइप, गंदे पानी में तैरते कीटाणु और मच्छर के लार्वा न केवल गंदगी का संकेत हैं, बल्कि यह छात्रों के स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा भी है। सबसे गंभीर बात यह है कि यह पानी “पीने योग्य शुद्ध जल” के नाम पर छात्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
पूर्व में भी शासकीय कॉलेज बलरामपुर की अव्यवस्थाओं को लेकर कई बार मुद्दा उठाया गया है, लेकिन अब गंदे पानी तक को सुधारने के कोई ठोस कदम नहीं उठा पाये हैं।
छात्रों की मांग
छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने जल स्रोतों की सफाई या मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया। गंदे पानी के लापरवाही से किटाणु का कारण जैसे डेंगू, टायफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों को न्योता दे रही है।
जनहित की अपील
यह जरूरी हो गया है कि जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें। पानी की टंकी की सफाई, फिल्टर सिस्टम की जांच और नियमित निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है और प्रशासन की जवाबदेही भी तय होगी।