CG – चड्डी-बनियान चोर गैंग चोर गहने चुराते हैं, लेकिन इन्होंने हमारी चड्डी-बनियान तक नहीं छोड़ी। अब कपड़े भी घर में सुखाने पड़ेंगे। यह कहना है कुसमुंडा क्षेत्र की एक परेशान महिला का, जिसकी बनियान और सलवार पिछले हफ्ते अचानक गायब हो गई। छत्तीसगढ़ का कोरबा,जिला, जहां कोयले की खदानें रात-दिन जलती हैं, वहां अब एक और किस्म की “जली-कटी” चल रही है – पर ये जली-कटी शब्दों में नहीं, कपड़ों की चोरी में दिख रही है।
एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के आदर्श नगर कॉलोनी में इन दिनों रहवासियों का जीना मुहाल हो गया है। कारण है — एक ऐसा गिरोह जो गहनों, पैसे या इलेक्ट्रॉनिक सामानों की नहीं, बल्कि लोगों के सूखते हुए कपड़ों की चोरी कर रहा है। और खास बात ये कि ये चोर अंडरगारमेंट्स जैसे निजी कपड़े भी उठा ले जा रहे हैं।
वायरल वीडियो ने खोली पोल
एक स्थानीय रहवासी ने अपने घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे से जो फुटेज पकड़ा, उसने पूरे इलाके को चौंका दिया।
वीडियो में साफ़ दिख रहा है — रात के अंधेरे में तीन युवक एक बाइक पर आते हैं, घरों के सामने तार पर सूख रहे कपड़े जल्दी-जल्दी समेटते हैं, और फिर बाइक पर बैठकर भाग जाते हैं।
उनके निशाने पर विशेष रूप से महिलाओं के अंतर्वस्त्र, पुरुषों की बनियान, चड्डी, टी-शर्ट, और जींस जैसे कपड़े थे। यानी यह कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि सोच-समझकर की गई चोरी लगती है।
मानसिकता पर सवाल, मज़ाक नहीं गंभीर मामला
यह कोई आम चोरी नहीं है। सवाल यह है कि कोई आखिरकार महिलाओं और पुरुषों के अंडरगारमेंट्स ही क्यों चुराएगा?
सामाजिक विशेषज्ञ इसे मानसिक विकृति, फेटिश (fetishism), या अपराध में मनोरोगी प्रवृत्ति का उदाहरण मानते हैं।
राजनांदगांव की एक काउंसलर डॉ. रश्मि साहू बताती हैं:
ऐसे मामलों में अपराधी को इन कपड़ों से मानसिक संतुष्टि मिलती है। वह चोरी को सिर्फ संपत्ति हानि नहीं, बल्कि मानसिक नियंत्रण का ज़रिया समझता है।
कॉलोनीवासियों में दहशत
अब हालात यह हो गए हैं कि लोग घर के बाहर कपड़े सुखाने से डरने लगे हैं।
कई महिलाएं कहती हैं कि वे अब अपने कपड़े बालकनी के अंदर या बाथरूम में सुखा रही हैं, जिससे चोरी से बचा जा सके।
एक बुजुर्ग रहवासी का कहना है:
पहले मुर्गा चोरी, फिर साइकिल, अब चड्डी-बनियान… अब तो लगे तार पर भी ताला लगाना पड़ेगा।
पुलिस के एक्शन में, मामला दर्ज
स्थानीय पुलिस को वीडियो फुटेज सौंपा गया है और एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
कुसमुंडा थाना प्रभारी ने बताया कि उन्होंने वीडियो के आधार पर संदिग्ध युवकों की पहचान के लिए तकनीकी सहायता ली है, और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है।
पुलिस ने यह भी स्वीकारा कि यह मामला असामान्य और संवेदनशील है, इसलिए यदि आरोपी पकड़े जाते हैं तो उनकी मानसिक स्थिति की मेडिकल जांच करवाई जाएगी।
सोशल मीडिया पर मीम्स और गुस्सा
जहां एक ओर इस चोरी ने लोगों को हैरान-परेशान किया है, वहीं सोशल मीडिया पर यह मसला मीम्स का विषय बन गया है।
लोग कह रहे हैं —
अब तो सरकार को ‘अंडरगारमेंट्स सुरक्षा मिशन’ भी चलाना पड़ेगा।
मोबाइल छोड़ो, अब तो बनियान लोकेटर ऐप चाहिए!
लेकिन मज़ाक से इतर, यह एक ऐसा विषय बन गया है जिसे गंभीरता से लेना होगा — क्योंकि यह निजता, लैंगिक गरिमा और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा मसला है।
जनता की माँगें क्या हैं?
- कॉलोनियों में सीसीटीवी कवरेज बढ़ाई जाए।
- रात के समय गश्ती पुलिस की उपस्थिति सुनिश्चित हो।
- अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद मानसिक मूल्यांकन अनिवार्य किया जाए।
- इस तरह की चोरी को “यौन अपराधों” की श्रेणी में लाकर उसकी गंभीरता बढ़ाई जाए।
निष्कर्ष: ये सिर्फ कपड़े नहीं, निजता की लूट है
- चड्डी-बनियान की ये चोरी एक अपराध से कहीं ज्यादा है — यह निजी जीवन की सीमा में घुसपैठ है।
- अब सवाल सिर्फ इतना नहीं कि कपड़े क्यों चुराए जा रहे हैं, सवाल यह भी है कि कब तक हम ऐसे अपराधों को हल्के में लेंगे?
कोरबा पुलिस की सतर्कता अब कसौटी पर है — और रहवासियों की नजरें तार पर कम, फुटपाथ पर ज्यादा हैं।