नई दिल्ली: ऐसे समय में जब भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया था, अब भारतीय सेना की ताकत और बढ़ने वाली है। भारतीय सेना को 30,000 करोड़ वाला क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) मिलेगा। डिफेंस के अधिकारियों के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय देश के पश्चिमी और उत्तरी बॉर्डर पर तैनाती के लिए QRSAM की तीन रेजिमेंट खरीदने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
क्या है QRSAM एयर डिफेंस सिस्टम, क्या है इसकी खासियत?
- QRSAM का मतलब Quick Reaction Surface to Air Missile system है। यह एक स्वदेशी मिसाइल है। इसे DRDO ने भारतीय सेना के लिए विकसित किया है।
- ये मिसाइल सिस्टम तीन रेजिमेंट के लिए खरीदे जाएंगे। इनका इस्तेमाल देश की पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर होगा।
- ये बहुत तेजी से मूव कर सकती हैं। ये चलते-फिरते ही दुश्मन के टारगेट को खोज और ट्रैक कर सकती हैं। साथ ही, ये छोटे-छोटे स्टॉप पर रुककर भी फायर कर सकती हैं।
- इस मिसाइल की रेंज लगभग 30 KM है। ये सेना में पहले से मौजूद MRSAM और आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ मिलकर काम करेगी।
- यह अत्यधिक गतिशील हैं, क्योंकि इसमें गतिशील लक्ष्यों को खोजने, ट्रैक करने और बहुत कम समय में उन्हें भेदने की क्षमता है।
- इससे कम और मध्यम दूरी की सुरक्षा और भी मजबूत हो जाएगी। QRSAM बाकी मिसाइलों के साथ मिलकर दुश्मन के हवाई हमलों से देश को बचाने में मदद करेगी।
डिफेंस से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस महीने के चौथे हफ्ते में रक्षा मंत्रालय सेना के लिए सतह से हवा में मार करने वाले QRSAM की तीन रेजिमेंट खरीदने के प्रस्ताव पर विचार करने वाला है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हीरो बना था आकाश तीर डिफेंस सिस्टम
बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई तक चले संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की ओर से भेजे गईं चीनी मिसाइलें और इजराइली ड्रोन सिस्टम को आकाशतीर मिसाइल सिस्टम, S-400 सिस्टम, आयरन ड्रोन सिस्टम ने आसमान में ही खत्म किया था। आकाशतीर एक स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-पावर्ड एयर डिफेंस सिस्टम है जिसका काम लो-लेवल एयरस्पेस की निगरानी करना और ग्राउंड पर तैनात एयर डिफेंस वेपन सिस्टम को कंट्रोल करना है। अब भारतीय सेना को जल्द ही 30 हजार करोड़ का QRSAM एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम मिलने वाला है।