AC टेम्परेचर 20 से 28 डिग्री करने वाले नए नियम को लेकर नया अपडेट सामने आया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस नियम को 2050 से पहले लागू करने की जरूरत नही है। पिछले दिनों केंद्रीय अर्बन अफेयर मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एसी के तापमान को 20 से 28 डिग्री के बीच रखे जाने वाले नियम को लाने की बात कही थी। इंडिया क्लाइमेट समिट के दौरान पूछे गए एक सवाल का जबाब देते हुए भूपेंद्र यादव ने कहा एसी के तामपान का मानक सेट करने वाली स्थिति 2050 के बाद ही संभव हो पाएगी।
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तुरंत इंप्लिमेंट करने की नहीं है जरूरत
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि यह तुरंत इंप्लिमेंट किया जाएगा। समय के साथ इसके लिए क्षमताएं धीरे-धीरे बनाई जाएंगी।’ इस समिट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जलवायु के लक्ष्यों को प्राप्त करना राष्ट्रीय परिस्थितियों और CBDR-RC (सामान्य लेकिन विभेदित जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं) सिद्धांत के अनुरूप किया जाना चाहिए।
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पिछले दिनों केंद्रीय अर्बर अफेयर मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि जल्द ही भारत में AC के तापमान को 20 से 28 डिग्री सेल्सियस के फिक्स्ड रेंज के अंदर ऑपरेट करने की जरूरत है। एसी का तापमान न तो 20 डिग्री से कम और न ही 28 डिग्री से ज्यादा रखने की जरूरत है। एसी का तापमान 20 डिग्री से कम करना प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके लिए नए मानक बनाए जाएंगे।
क्या कहता है BEE?
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) के मुताबिक, भारत में ज्यादातर एसी 20 से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच ऑपरेट होते हैं, जबकि वैश्विक कंफर्म मानक 24 से 25 डिग्री सेल्सियस है। BEE एसी को 24 से 25 डिग्री के बीच तापमान सेट करने चलाना रेकोमेंड करता है। एसी का तापमान 20 से 21 डिग्री के बीच रखने की वजह से बिजली बर्बाद होती है। ऐसी का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ाने से करीब 6 प्रतिशत तक बिजली बचाई जा सकती है। इसकी रेंज 20 डिग्री से 24 डिग्री सेल्सियस करने पर 24 प्रतिशत तक बिजली बचाई जा सकती है।