गरियाबंद ज़िले के छुरा क्षेत्र के पलेमा और कोड़ामाल गांव के बीच स्थित झुलनमारी बांध में शनिवार दोपहर को हुई एक दर्दनाक घटना ने एक नहीं बल्कि दो परिवारों की ज़िंदगी बदल दी। 6 वर्षीय मासूम बच्ची की बांध में डूबने से मौत हो गई और अगली ही सुबह उसकी मौसी ने आत्महत्या कर ली। इस दोहरी त्रासदी ने गांव में शोक की लहर फैला दी है।
बता दें की सारिका ठाकुर, जो मूलतः पलेमा से लगे पास के गांव कामराज की रहने वाली थी, गर्मी की छुट्टियाँ मनाने अपनी नानी के गांव पलेमा आई हुई थी। पूरे घर में चहल-पहल थी, और सारिका भी अपने बचपन की खुशियाँ समेट रही थी। लेकिन किसे पता था कि ये छुट्टियाँ उसके जीवन की अंतिम छुट्टियाँ साबित होंगी। शनिवार की दोपहर, सारिका अपनी 21 वर्षीय मौसी पानो सोरी के साथ गांव के पास के झुलनमारी बांध में घोंघी (जल-जंतु) बिनने गई थी। मई की भीषण गर्मी से बांध का जलस्तर काफ़ी नीचे चला गया था, जिससे कई ग्रामीण तालाब या बांध के किनारे घोंघी, सीप आदि चुनने जाते हैं — यह एक सामान्य ग्रामीण जीवन का हिस्सा है।
बांध में मासूम को नहीं आता था तैरना, गहराई में चली गई जान
पानो अपनी भांजी सारिका को लेकर बांध पहुंची थी। दोनों अलग-अलग जगहों पर घोंघी बिनने में व्यस्त थीं। पानी उथला होने के कारण उन्हें कोई खतरा महसूस नहीं हुआ। लेकिन शायद एक जगह गहराई अधिक थी, और वहीं मासूम सारिका फिसलकर गहरे पानी में चली गई। उसे तैरना नहीं आता था। जब तक पानो की नज़र पड़ी, तब तक बच्ची डूब चुकी थी। उसने चीख-पुकार की, गांव वाले दौड़े आए और किसी तरह बच्ची का शव बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बच्ची की सांसें थम चुकी थीं।
मौसी पानो को नहीं मिला चैन, अगली सुबह की आत्महत्या
इस घटना ने सबसे ज़्यादा असर डाला पानो सोरी पर। बच्ची की मौत के बाद से वह गुमसुम थी, रो रही थी, खुद को दोष दे रही थी। रात भर वह शांत रही, किसी से बात नहीं की। परिजनों को लगा कि वह सदमे में है, लेकिन सुबह-सुबह जैसे ही सब उठे, उन्होंने देखा कि पानो ने खुद को घर में फांसी लगा ली है।
करीब सुबह 5 बजे के आसपास की यह घटना पूरे गांव में आग की तरह फैल गई। एक ही परिवार की दो-दो मौतों ने हर किसी को स्तब्ध कर दिया।
पुलिस कर रही जांच, परिवार और गांव में पसरा मातम
घटनास्थल पर छुरा थाना की पुलिस पहुंची और पंचनामा कर दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। पहले बच्ची की मौत को लेकर मर्ग कायम किया गया था, और अब पानो की आत्महत्या की जांच की जा रही है। पुलिस आत्महत्या की वजह जानने की कोशिश में है — क्या यह आत्मग्लानि थी, या फिर कोई और कारण भी इससे जुड़ा है?
फिलहाल गांव में गम का माहौल है। सारिका की मां और नानी बार-बार बेसुध हो रही हैं, वहीं पानो सोरी के परिजन भी अपनी जवान बेटी को खोकर टूट चुके हैं। मोहल्ले के लोग भी इस घटना से काफी आहत हैं, क्योंकि यह सब कुछ अचानक और बेहद दुखद था। संवेदनशील मोड़ पर पहुंचा परिवार एक ओर 6 साल की नन्हीं बच्ची की बांध डूबकर मौत, दूसरी ओर उसे बचा नहीं पाने की टीस में अपनी जान दे बैठी 21 वर्षीय मौसी — यह कोई आम घटना नहीं है। इस त्रासदी ने एक गहरे पारिवारिक बंधन को हमेशा के लिए तोड़ दिया है। अब पूरे गांव की निगाहें पुलिस जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं। क्या यह सिर्फ एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था या इसके पीछे कोई और सच छुपा है — यह आने वाले दिनों में सामने आएगा।