बागबाहरा/महासमुंद जिले के ब्लॉक मुख्यालय बागबाहरा से 5 किलोमीटर दूरी पर लगे हुए ग्राम पंचायत पतेरापाली निवासी 60 वर्षीय दिव्यांग किसान खिलावन पटेल ने बताया कि मेरा जीवन एक लाठी के सहारे चल रहा है। उन्होंने बताया अपने परिवार किस हाल में रहकर संभाला हूं, सिर्फ मैं ही जान सकता हूं। विडंबना इस बात की है सरकार दिव्यांगों के कल्याण के लिए बड़ी-बड़ी दावे करते हैं।लेकिन आज तक मुझे किसी प्रकार की शासन प्रशासन से कोई सहयोग नहीं मिला है। बहुत प्रयास के बाद दिव्यांगता प्रमाण पत्र बन पाया। लेकिन कोई काम का नहीं। अगर शासन से ट्राईसाईकिल मिल जाता तो अपनी खेती बाड़ी में हाथ बंटा लेता।लेकिन मेरा दिव्यांगता का प्रतिशत कम बनने व सर्वे सूची 2011 में नाम नहीं होने से मुझे किसी भी प्रकार का शासन से सहयोग नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण एक ही जगह बैठे रहने मजबूर हूं। आज तक शासन से एक वैशाखी भी नहीं मिल पाया। समाजसेवी मनोज दिव्यांग खेलावन पटेल की समस्या जल्द दूर करने एवं दिव्यांगों को घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराने शासन प्रशासन से मांग किए हैं।