जल संरक्षण विषय पर मॉडल बनाकर प्रदर्शनी किया गया
गरियाबंद। समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम बारुका के ग्राम पंचायत भवन में विश्व जल दिवस कार्यक्रम मनाया गया। विश्व जल दिवस कार्यक्रम में सामाजिक और कृषि दोनों क्षेत्रों में जल संचयन और संरक्षण प्रथाओं, स्वच्छ पेयजल और जल बचत के महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामुदायिक भागीदारी प्रयासों में तेजी लाने हेतु जागरूकता किया गया। विश्व जल दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र गरियाबंद के प्रमुख व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ मनीष चौरसिया जी ने जल संरक्षण के उपायों में प्रमुख रूप से फसलों में विविधिकरण लाने श्री अन्न कोदो कुटकी व रागी की खेती करने पर समुदाय से अपील की जलवायु संकट से लड़ने व खाद्यान्न की पूर्ति को बनाये रखने के लिये भविष्य का अनाज कहे जाने वाले पौष्टिकता से भरपूर हमारे आदिवासी क्षेत्रों में उगाये जा रहे विभिन्न प्रकार के श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिये कृषि विज्ञान केंद्र से तकनीकी सहायता के लिये किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कहा गया।
समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के परियोजना प्रबंधक श्री मलय कुमार साहू द्वारा निवसीड संस्था के माध्यम से गाँवों में खेत तालाब का निर्माण, सामुदायिक तालाबों का उन्नयन साथ ही अनुपजाऊ व असमतल जमीनों का समतलीकरण व मेंढबंधन से जल संचयन के साथ ही साफ़ पानी की व्यवस्था व किसानों की आय बढानें के किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी प्रदान किया , समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के योगदान को स्वीकार करने और उसकी सराहना विश्व जल दिवस में उपस्थित सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता,जनपद सदस्य, स्कूल शिक्षक, पीआरआई, केवीके – प्रमुख और समुदाय के लोगों द्वारा जल संरक्षण के उपायों को सरल ढंग से समुदाय को समझाने के लिए बनाये गए माडल पर अपना विचार रखा गया, साथ ही समग्र ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत चलाये जा रहे कार्यों मे अपनी भागीदारी निभाने व भविष्य में सामाजिक व आर्थिक बदलावों के लिए कार्य करने पर चर्चा किया गया,इस अवसर पर प्रमुख रूप से विश्व जल दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सामाजिक कार्यकर्त्ता नंदकुमार सोनवानी, निवसीड संस्था के कर्मचारी विषय विशेषज्ञ टीकाराम नागेश, रोहित कुमार सोनवानी, दीप नारायण तिवारी, मोहन लाल साहू, ग्राम संयोजक पीताम्बर पटेल,नवीन वाल्मीक, दानी राम साहू, भिवानी सिन्हा,जितांगनी यादव,नंदनी ध्रुव व ग्राम बारुका तथा टोईयाँमुड़ा के ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।