गरियाबंद। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम मालगांव, ग्राम पंचायत मालगांव में जनप्रतिनिधियो का हौसले सातवे आसमान पर है, भ्रष्टाचार रूकने का नाम ही नही ले रहा। कारण सिर्फ जिला प्रशासन के सुस्त रवैये है, जांच उपरांत भी कार्यवाही नही करना, और तो और फिर उसी प्रकार गांव वालों को ठेंगा दिखाते हुये फिर बेधड़क, पूरे उत्साह के साथ भ्रष्टाचार को अंजाम देना, जिला प्रशासन को ठेंगा दिखाने जैसा है। न ही जनप्रतिनिधि अपने हरकत से बाज आ रहे है न ही कर्मचारी, पूरी सिद्धत के साथ भ्रष्टाचारी अपना काम निकल रहे है।
जबकी भ्रष्टाचार के खिलाफ समस्त ग्रामवासी लगभग एक वर्ष पूर्व ही कलेक्टर जन चौपाल में जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के शिकायत जॉच के लिये आवेदन किया था, जिसका जॉच तो हो गया है और जॉच में 3 लाख 35 हजार 7 सौ 6 रूपये का भ्रष्टाचार सिद्ध भी हो गया है। और जिला पंचायत से एसडीएम कार्यालय में धारा 40 तहत कार्यवाही के लिये प्रतिवेदन प्रस्तुत हो भी गया है लेकिन सवाल ऐ है कि अभी तक कार्यवाही क्यो नही किया जा रहा है।
आखिर कब होगा भ्रष्टाचार पर कार्यवाही
क्या ग्रामीणों को न्याय नही मिलेगा, क्या भ्रष्टाचार ऐसा ही चलता रहेगा, क्या जनप्रतिनिधियो व कर्मचारियों को शासन-प्रशासन का थोड़ा भी डर नही है, क्या मालगांव के कांग्रेसी जनप्रतिनिधि पूर्व विधायक अमितेश शुक्ला का धौस दिखा कर मनमानी ढंग से भ्रष्टाचार करते रहे है। वैसा ही वर्तमान विधायक रोहित साहू को भी मंतर मार कर अपना मनमानी करते रहेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि जॉच के बाद भी वर्तमान में पीडीएस भवन निर्माण किया जा रहा है।
जिससें ग्रामीणों के ऑखों में पट्टी बांधकर खुले आम भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है पीडीएस भवन निर्माणधीन है जिसमें सभी कॉलम में 8 एमएम का सरिया लगा कर कॉलम को खड़ा कर दिया गया है जो कि घोर लापरवाही व भ्रष्टाचार को दर्शाता है पीडीएस भवन निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को पंचायत सचिव सुभांगी उपाध्याय एवं जॉच दल के सदस्य भगवान चन्द्राकर उप अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग गरियाबंद, गोपी कुंजाम तकनीकी सहायक मनरेगा को दिखाया गया था।
लेकिन किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया आई,न ही कोई कार्यवाही किया गया है इससे ये साबित होता है कि जनप्रतिनिधि एवं टेक्निकल ईंजिनियर मरनेगा अनामिका देवांगन अपनी मनमानी करती रहे और ग्रामीण सिर्फ तमासा देखता रहे। जांच दल के साथ ग्रामीण भी साथ मे रहे है पूरे जांच के उपरांत देखा गया कि जितने भी मनरेगा कार्य मे निर्माण कार्य हुआ है सभी गुणवत्ताहीन है।
और टेक्निकल इंजीनियर अनामिका देवागन के द्वारा निर्माण कार्य मे इतनी बड़ी घोर लापरवाही की गई है या फिर सब की मिली भगत में लीपापोती व भ्रष्टाचार किया गया है। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि 23 जनवरी को ग्रामसभा होना था जिसमे तीन महीने का पंचायत द्वारा कराये गए निर्माण कार्यो का व आय- व्यय का जानकारी देना था साथ ही प्रधानमंत्री आवास में 114 परिवारों का नाम अनुपूरक सूची से कट गया है उसके विषय मे जानकारी देना था उसे भी आज तक नही कराया गया, ग्रामीणों का माने तो जांच के बाद भी जनप्रतिनिधियों द्वारा मनमानी नही रुका है।