Breaking news: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में मंगलवार देर रात एक दर्दनाक भीषण सड़क हादसा में दो मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि 20 ग्रामीण घायल हो गए। यह हादसा उस वक्त हुआ जब चौथिया भोज से लौट रही तेज रफ्तार पिकअप बिसाही पोड़ी के पास अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई।
घटना चेंद्रा चौकी क्षेत्र अंतर्गत नकटी नाला मोड़ की है, जहां तेज रफ्तार पिकअप ड्राइवर ने मोड़ पर वाहन से नियंत्रण खो दिया। वाहन एक पत्थर से टकराया और पलट गया, जिससे उसमें सवार कई ग्रामीण छिटक कर दूर जा गिरे। हादसा में 12 वर्षीय दिगंबर राजवाड़े और 13 वर्षीय पुन्नू चेरवा की दर्दनाक मौत हो गई। दोनों भंडारपारा गांव के निवासी थे और उन्हें सिर व सीने में गंभीर चोटें आई थीं। इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। भीषण सड़क हादसा में घायल हुए 20 ग्रामीणों में से 9 की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है, जबकि 11 घायलों का इलाज भटगांव स्वास्थ्य केंद्र में जारी है।
जानकारी के अनुसार, भंडारपारा निवासी तलिंदर राजवाड़े की बेटी की शादी ओड़गी ब्लॉक के बिलासपुर निवासी युवक से पांच दिन पहले हुई थी। शादी के उपरांत मंगलवार को चौथिया भोज का आयोजन किया गया था। भोज कार्यक्रम से लौटते वक्त यह भीषण सड़क हादसा हुआ। पिकअप में कुल 25 ग्रामीण सवार थे, जिनमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल थे। हादसे की सूचना मिलते ही चेंद्रा चौकी प्रभारी एलपी गुप्ता और भटगांव थाना प्रभारी सरफराज फिरदौसी मौके पर पहुंचे और सभी घायलों को तत्काल भटगांव अस्पताल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, हादसे के बाद पिकअप चालक मौके से फरार हो गया है। उसकी तलाश की जा रही है।
राज्य में बारात और भोज जैसे आयोजनों में मालवाहक वाहनों का इस्तेमाल आम होता जा रहा है। जबकि शासन ने पूर्व में कवर्धा भीषण सड़क हादसा के बाद इस पर प्रतिबंध लगा रखा है। बावजूद इसके, ग्रामीण क्षेत्रों में इस नियम की खुलेआम अवहेलना की जा रही है, जो जानलेवा साबित हो रही है।
इस भीषण सड़क हादसा ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों की परिवहन व्यवस्था और प्रशासन की सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन इस बार सिर्फ बयानबाज़ी करेगा या ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कदम भी उठाएगा।