फिंगेश्वर। फिंगेश्वर राज की कुलदेवी माता मौली मंदिर में चकमक की चिंगारी के साथ आस्था के 295 ज्योति कलश प्रज्वलित हैं। चहुंओर भक्ति और उल्लास से लचकेरा हिंगलाज की तरह सुशोभित हो रहा है। विदित हो कि माता मौली की मढ़ी मिट्टी से बने मंदिर पर खदर की छानी में विराजित है। लचकेरा की फुलवारी सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है। माता मौली की महिमा की महक देश-विदेश में भी फैली हुई है। मनभावन फुलवारी को देखने दूरदराज से भक्तों का तांता लगा रहता है।
माता मौली के भक्तगण पारंपरिक भजन अइसन जानतेव मैं तो हुमही लगीन ल कसी आतेव सोलह सिंगार हो माय के साथ अष्टमी हवन पूजन संपन्न किये। माता की आराधना में ग्राम के प्रबुद्धजन ललित डडसेना, तोषण पटेल, तुलस कन्नौजे, चिंताराम ध्रुव, सरपंच उदेराम निषाद, उपसरपंच बलराम निषाद, शत्रुघ्न निषाद, गंगाराम, नारद, नाथूराम, मस्तराम, गणेश, तोरण साहू, देवनाथ विश्वकर्मा, गिरधर सहित सभी ग्रामवासी लगे हुए हैं। मुख्य बाना के साथ माता मौली के अनन्य भक्त के.आर. सिन्हा अगुवानी करते ग्राम भ्रमण किए। प्रतिदिन पंडा संतूराम ध्रुव, सहयोगी भुवन निषाद, सत्तू साहू, पालक, पुनाराम आदि भक्तगण पूजा अर्चना कर रहे हैं। ग्राम के मुख्य सेवक जय मां मौली शीतला सेवा समिति के गायक कलाराम सिन्हा, धीरेंद्र दुबे, अरुण ध्रुव, लोमस दास, चेमन सेन, रघु ध्रुव, नेतराम सिन्हा, मन्नू, रिझेंद्र, गोपाल साहू, कुंदन यादव, हितेश, परमानंद, दामू, सतीश, राकी, रितिक लीन हैं।