हत्या की कोशिश के मामले में आरोपी को सात साल की सजा ,अपर सत्र न्यायालय ने सुनाया फैसला
गरियाबंद। अपर सत्र न्यायालय ने हत्या की कोशिश करने के एक मामले में आरोपी के खिलाफ दोषसिद्ध होने पर सजा सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन ने थाना छुरा के एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए आरोपी थनवार निषाद निवासी रानीपरतेवा, थाना–छुरा को दोषसिद्ध पाते हुए भा.दं.संहिता की धारा 307 के तहत सात साल का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रार्थी भोजराम साहू ने घटना थाना छुरा में उपस्थित होकर इस आशय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराया था कि वह ग्राम करकरा में रहता है। खेती किसानी का काम करता है। उसके नाम से ग्राम करकरा के बाहरानार खार में स्थित कृषि भूमि में धान कटाई हेतु रानीपरतेवा से मजदूर लाकर दिनांक 08.11.2021 से धान कटाई करवा रहा था। घटना दिनांक 10.11.2021 को प्रातः लगभग 09 बजे मजदूर लोग धान फसल काट रहे थे, तभी ग्राम रानीपरतेवा का थनवार निषाद पीछे से आया और रेखाबाई यादव को आज तुझे जान से मार दूंगा’ कहते हुए तलवार जैसे लोहे के धारदार पट्टी से जान सहित मारने की नीयत से प्राणघातक वार किया, जिससे रेखाबाई यादव के बांए कान व चेहरे में चोट आई।
आरोपी थनवार निषाद द्वारा दोबारा वार करने पर रेखाबाई यादव अपने हाथ को सामने रखकर बीच बचाव की, जिससे उसके दाहिने हाथ के उंगली, हथेली व कलाई के पास चोटे आई थी। घटना को देखकर वह स्वयं व काम कर रहे मजदूर बीच बचाव करने दौड़े तो थनवार निषाद घटना में प्रयुक्त तलवार जैसे लोहे के धारदार पट्टी को खेत में छोड़कर भाग गया। आहता रेखाबाई यादव को आई चोट के उपचार हेतु स्वास्थ्य केन्द्र छुरा लेकर गए थे, जहां डाक्टर द्वारा उचित इलाज के लिए रायपुर रिफर किया गया था। बताया गया कि घटना के पूर्व आरोपी ने आहता रेखा बाई यादव के पति जगमोहन के साथ मारपीट किया था, जिसके संबंध में आहता के पति के द्वारा आरोपी के विरुद्ध थाना छुरा में रिपोर्ट दर्ज करवाया गया था, जिसका प्रकरण न्यायालय में लंबित है। उक्त कारण से घटना के पूर्व से आहता के पति और आरोपी के मध्य रंजिश थी।
प्रकरण में संपूर्ण साक्ष्य विवेचना उपरांत न्यायालय ने अभियुक्त थनवार निषाद को भा.दं.संहिता की धारा 307 के अंतर्गत आरोप में दोषी पाकर दोषसिद्ध किया गया। जिसमें आरोपी थनवार निषाद को 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। वहीं अर्थदंड की अदायगी में व्यतिक्रम किए जाने पर 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताया जाएगा।