गरियाबंद। दर्रीपारा दशहरा पर्व समूचे आंचल में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया गया,कई गांव में परंपरागत रामलीला का मंचन कार्यक्रम हुआ जिसका ग्राम वासियों ने देर रात तक उठाया,वही ग्राम दर्रीपारा एवं कोसमी द में एकादशी को देव दशहरा मनाया गया, यह परंपरा करीब 150 वर्ष से चली आ रही हैं, शाम को दर्रीपारा और कोसमी के देवी देवता, सिरहा, डांग डोली, व ग्रामीण एक जगह कोसमी मे पुजारी के घर के पास एकत्रित होते हैँ, जहाँ अस्त्र – शस्त्र का शौर्य प्रदर्शन किया जाता हैं, फिर साथ मिलकर रावनभाटा मे मिलकर देव दशहरा मनाया जाता हैं।
गरियाबंद जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर दर्रीपारा, कोसमी ऐसा गांव है जहां रावण दहन नहीं होता बल्कि ग्रामीण कलाकार राम रावण का अभिनय करके आमने-सामने सेना के साथ बंट कर युद्ध करते हैं, जिसे देखने के लिए आसपास के गांव आंदोरा,जैतपुरी,आमदी, भीरालाट,जोबा, बोइरगाँव, आमागांव, देवरीबाहरा, खरता, रावनडिग्गी, चिपरी, सेमरा, आमागांव गांव के ग्रामीण देव दशहरा देखने के लिए कोसमी रावण भाटा मैदान में पहुंचे थे।