छुरा। छत्तीसगढ़ में थैलेसीमिया बच्चों को हर 15 दिनों में ब्लड की आवश्यकता के चलते उनके परिवारों की आर्थिक जीवन बुरा हाल हो चुका है।
गरीब परिवारों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
थैलेसीमिया बच्चों के इलाज की सुविधा नहीं हो पाने से बच्चों के जीवन में हर 15 दिनों के बाद ब्लड लगने की टेंशन परिवार वालो को झेलना पड़ता है।
परिजन भी देना चाहते हैं लेकिन 15 दिनों में रक्तदान नहीं कर पाते ऐसी स्थिति में ब्लड की व्यवस्था करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गरियाबंद जिले के इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी संरक्षक सदस्य समाजसेवी मनोज पटेल ने थैलेसीमिया बच्चों के इलाज सुविधा छत्तीसगढ़ में करने अपील किया ताकि ऐसे बच्चों की जिंदगी ब्लड के भरोसे ना रहे बच्चों की जान बचाने में मिल सके।