गरियाबंद। गर्मी की शुरुआत के साथ छत्तीसगढ़ में कोचवाय, परसुली तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य पूरे जोर पर है। इसी कड़ी में गरियाबंद वन मंडल के अंतर्गत तेंदूपत्ता फड़ों की स्थिति का जायजा लेने वन मंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह एवं एसडीओ राजिम ने क्षेत्रीय दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ पांडुका वन परिक्षेत्र अधिकारी संतोष चौहान एवं परसुली परिक्षेत्र की अधिकारी दुर्गा दीक्षित भी उपस्थित रहीं।
अधिकारियों ने क्रमशः कोचवाय, परसुली और कसेरू स्थित तेंदूपत्ता का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संग्रहण कार्य की प्रगति, पत्तों की गुणवत्ता, तौल व्यवस्था, श्रमिकों की भागीदारी एवं सुरक्षा इंतजामों की गहन समीक्षा की।
श्रमिकों से की बातचीत, समस्याएं सुनीं
निरीक्षण के दौरान अधिकारी दल ने तेंदूपत्ता संग्रहण में लगे श्रमिकों से भी संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को सुना। कुछ श्रमिकों ने तौल में पारदर्शिता, पानी की सुविधा, तिरपाल की आवश्यकता जैसी समस्याएं रखीं। अधिकारियों ने मौके पर ही संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
निर्देश: समय पर भुगतान और पारदर्शिता जरूरी
वन मंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्रहण ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। ऐसे में न केवल तौल की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए, बल्कि श्रमिकों को उनका पारिश्रमिक समय पर मिले, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संग्रहण केंद्रों पर पेयजल, छाया और प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
वन विभाग की सक्रियता से ग्रामीणों में उत्साह
इस निरीक्षण दौरे से ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखने को मिला। क्षेत्र के लोगों ने वन विभाग की इस तत्परता की सराहना की और उम्मीद जताई कि उनके हितों की रक्षा इसी तरह की जाती रहेगी।