दर्रीपारा। गरियाबंद जिले में धूमधाम से मनाया गया अक्षय तृतीया दर्रीपारा, कोसमी, केराबहारा, आमदी में भगवान शिव – पार्वती के विवाह के प्रतिक स्वरूप गुड्डे – गुड़िया का विवाह धूमधाम से किया गया बच्चों की टोली सुबह से ही गुड्डे – गुड़िया की शादी की तैयारी मे लग गई थी बच्चे दिनभर गुड्डा -गुड़ियों का ब्याह रचाने में मशगूल रहे। कई स्थानों मे उन्होंने मंडप सजाया और बरातियों के लिए खीर – पूरी का इंतजाम भी किया। दर्रीपारा में रानी दुर्गवती चौंक स्थित रंगमंच एवं नयापारा स्थित चौंक पर विधि-विधान व रीति -रिवाज के अनुसार गुड्डे – गुड़िया का विवाह कराया गया और उपहार भी दिए गए, बरातियों का स्वागत कर मिठाईया बांटी गई और भोजन कराया गया, शादी मे घराती – बाराती बनकर पहुंचे लोगों ने कन्यादान व टिकावन का रश्म भी अदा की।

ग्रामीणों ने बताया की अक्षय तृतीया के दिन भगवान शिव व माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसी के प्रतीक स्वरूप गुड्डे – गुड्डी ka विवाह किया जाता हैं। जिस तरह विवाह घर में तेल, हल्दी, मंडप, चढ़ाव आदि की व्यवस्था होती हैं, ठीक उसी तरह गुड्डे – गुड़िया के विवाह के लिए भी सारी व्यवस्था की जाती हैं | ऐसा माना जाता हैं कि अक्षय तृतीया के दिन विवाह के लिए कोई मुहूर्त नहीं देखा जाता, इस तिथि को शुभ माना जाता हैं, इसलिए सबसे ज्यादा विवाह इसी तिथि पर होते है।
